जैसे ही जाड़े ने दस्तक दी
बाहर निकल आए गर्म कपड़ें,
तुम्हारी यादें कपूर बन फ़ैली
साथ निकले तुम्हारे जो कपड़े।
प्यार भरी यादें दिल में मचली
बाहर निकले संग-संग कपड़े,
वो ठंडी रातें और प्यारी शरारते
याद दिला रहें ये गर्म कपड़े।
यादों में समाई वो गर्म साँसें
जैसे ही निकले संदूक से कपड़े,
भूलाना चाहूँ तो भी कैसे भुलाऊँ
मखमली यादें संग लाए कपड़े।
बाहर निकल आए गर्म कपड़ें,
तुम्हारी यादें कपूर बन फ़ैली
साथ निकले तुम्हारे जो कपड़े।
प्यार भरी यादें दिल में मचली
बाहर निकले संग-संग कपड़े,
वो ठंडी रातें और प्यारी शरारते
याद दिला रहें ये गर्म कपड़े।
यादों में समाई वो गर्म साँसें
जैसे ही निकले संदूक से कपड़े,
भूलाना चाहूँ तो भी कैसे भुलाऊँ
मखमली यादें संग लाए कपड़े।
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