हमने जीवन में
कईं कैलेण्डर बदल लिए
कईं नई डायरियाँ भी आई
जीवन में मौसम भी
बदलते रहे
कभी गर्मियाँ तो
कभी सर्दियाँ भी आई
कहने के लिए
हम जीवन जीते रहे
लेकिन असल में हम
केवल दिन काटते रहे
अगर असली जीवन
जिया होता तो हम
घर से बाहर निकलते
बिना किसी पर्व के
अनजाने हाथों में
कुछ उपहार रख आते
देखते अचानक
उन अनजाने चेहरों पर
आई ख़ुशी की लहर
तब समझ में आता कि
हाँ ! आज सफल हुवा है
हमारे जीवन का सफर।
कईं कैलेण्डर बदल लिए
कईं नई डायरियाँ भी आई
जीवन में मौसम भी
बदलते रहे
कभी गर्मियाँ तो
कभी सर्दियाँ भी आई
कहने के लिए
हम जीवन जीते रहे
लेकिन असल में हम
केवल दिन काटते रहे
अगर असली जीवन
जिया होता तो हम
घर से बाहर निकलते
बिना किसी पर्व के
अनजाने हाथों में
कुछ उपहार रख आते
देखते अचानक
उन अनजाने चेहरों पर
आई ख़ुशी की लहर
तब समझ में आता कि
हाँ ! आज सफल हुवा है
हमारे जीवन का सफर।
No comments:
Post a Comment