Friday, December 26, 2014

हमारे जीवन का सफर

हमने जीवन में
कईं कैलेण्डर बदल लिए
कईं नई डायरियाँ भी आई

जीवन में मौसम भी
बदलते रहे
कभी गर्मियाँ तो
कभी सर्दियाँ भी आई

कहने के लिए
हम जीवन जीते रहे

लेकिन असल में हम
केवल दिन काटते रहे

अगर असली जीवन
जिया होता तो हम
घर से बाहर निकलते

बिना किसी पर्व के
अनजाने हाथों में
कुछ उपहार रख आते

देखते अचानक
उन अनजाने चेहरों पर
आई ख़ुशी की लहर

तब समझ में आता कि
हाँ ! आज सफल हुवा है
हमारे जीवन का सफर।


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