साँसे लगी जब साथ छोड़ने
विस्वास हुवा मेरा धूमिल
जीने का अरमान जगा कर
आत्म बल से पूर्ण किया
मुझे नया जीवन दिया।
डूब रही थी जीवन नैया
टूट रही थी जीवन डौर
होंसलों का थमा दामन
मेरे जीवन को बचा लिया
मुझे नया जीवन दिया।
रंग उड़ गए सब सतरंगी
तार-तार हर साँस हो गयी
आस्था का देकर सम्बल
मेरे संसय को दूर किया
मुझे नया जीवन दिया।
देख रही मै साँसों की गति
जो थी अब साथ छोड़ रही
बुझते दीपक सी लगी झपकने
आपने मुझे आश्वस्त किया
मुझे नया जीवन दिया।
टूटती हुयी मद्धम साँसों में
हर सांस थरथराई पारे सी
रहबर बन कर आये आप
लगा लंग्ज उपकार किया
मुझे नया जीवन दिया।
यह कविता डॉक्टर के प्रति आभार स्वरूप लिखी गई है, जिसने यह महान कार्य किया।
[ यह कविता "कुछ अनकही***" में प्रकाशित हो गई है। ]
बहुत सुन्दर आशा जगाती रचना... आभार
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