केवल नाम ही नहीं है
तुम्हारा पूजा
जग में कोई भी नहीं है
तुम जैसा दूजा
तुम चमको जहाँ में
इस तरह कि
तुम्हारा नाम पूजा जाए
हर जगह
तुम खिलो पूनम के
सपनों की तरह
खुशबुओं में नहाओ
फूलों की तरह
कल्पना चावला बन
आसमान में ऊड़ो
झाँसी की रानी बन
हुंकार भरो
मदर टेरेसा बन
समाज सेवा करो
दुर्गा बन इतिहास में
नाम अमर करो
फैले तुम्हारा यश
नील गगन सा
कीर्ति का विस्तार हो
ब्रह्मांड सा।
[ यह कविता "एक नया सफर " में प्रकाशित हो गई है। ]
Thank you so much dadaji....
ReplyDeleteloved your poem sooo much..
aapki POOJA RANA.
Bahut hi sundar rachna apni pyari Pooja ranaji ke liye. Ati uttam.
ReplyDeleteVery nicely written poem.Pooja is lucky to have such a loving dadaji!!
ReplyDeleteपढ़ कर अच्छा लगा कि तुमको कविता पसंद आई।
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