तुम्हारे जाने के बाद
काल बैसाखी की
पहली बारिश आज आई
पिछली बार तो तुम
मेरा हाथ पकड़ कर
ले गई थी भीगने
आँगन में
लेकिन आज तो
तुम नहीं हो
अब कौन लेकर जाएगा
हाथ पकड़ भीगने
आँगन में
बारिश में तन्हा
नहीं भीगा जाता
प्यार में जिसके संग
तन-मन भीगा होता है
बारिश में उसी संग
भीगा जाता है
आज मुझे जीवन में
पहली बार बारिश
अच्छी नहीं लगी
मेरी तन्हाई का दर्द
बरसात की बूंदों में बसा था
टपक रहा था पिछवाड़े में
टप--टप--टप--टप।
फरीदाबाद
१५ जुलाई, २०१४
काल बैसाखी की
पहली बारिश आज आई
पिछली बार तो तुम
मेरा हाथ पकड़ कर
ले गई थी भीगने
आँगन में
लेकिन आज तो
तुम नहीं हो
अब कौन लेकर जाएगा
हाथ पकड़ भीगने
आँगन में
बारिश में तन्हा
नहीं भीगा जाता
प्यार में जिसके संग
तन-मन भीगा होता है
बारिश में उसी संग
भीगा जाता है
आज मुझे जीवन में
पहली बार बारिश
अच्छी नहीं लगी
मेरी तन्हाई का दर्द
बरसात की बूंदों में बसा था
टपक रहा था पिछवाड़े में
टप--टप--टप--टप।
फरीदाबाद
१५ जुलाई, २०१४
No comments:
Post a Comment