तुम तो बिना कहे चली गई, मुझे अकेला छोड़
मेरे जीवन में अन्धेरा छा गया, अब मैं क्या करूँ ?
जब तक तुम साथ थी, अरमान मचलते थे
आज बिखर गया जीवन, अब मैं क्या करूँ ?
तुम्हारी बातें, तुम्हारे हंसी, सभी याद आती है
दिल से नहीं निकली यादें, अब मैं क्या करूँ ?
तारों को गिनते हुए कटती है, मेरी काली रातें
ख्वाबों का चमन उजड़ गया, अब मैं क्या करूं ?
तुम्हारे बिछोह की आग को,अब मैं कैसे बुझाऊँ
किसी किताब में नहीं लिखा, अब मैं क्या करू ?
तुम्हारे जाते ही, मेरा कल मुझ से रूठ गया
मेरा जीवन तनहा हो गया, अब मैं क्या करूँ ?
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मेरे जीवन में अन्धेरा छा गया, अब मैं क्या करूँ ?
जब तक तुम साथ थी, अरमान मचलते थे
आज बिखर गया जीवन, अब मैं क्या करूँ ?
तुम्हारी बातें, तुम्हारे हंसी, सभी याद आती है
दिल से नहीं निकली यादें, अब मैं क्या करूँ ?
ख्वाबों का चमन उजड़ गया, अब मैं क्या करूं ?
तुम्हारे बिछोह की आग को,अब मैं कैसे बुझाऊँ
किसी किताब में नहीं लिखा, अब मैं क्या करू ?
तुम्हारे जाते ही, मेरा कल मुझ से रूठ गया
मेरा जीवन तनहा हो गया, अब मैं क्या करूँ ?
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