बिन हमदम के जीवन सूना
मुस्किल है बिन साथी जीना
जैसे मछली को नीर चाहिए
जीवन में हमसफ़र चाहिए।
दोनों का है सम्बन्ध सलोना
एक दूजे बिन जीवन सूना
जैसे मोती को चमक चाहिए
जीवन में हमसफ़र चाहिए।
दुःख-सुख दोनों साथ निभाते
हँस-हँस कर के जीवन जीते
जैसे सागर को तट चाहिए
जीवन में हमसफ़र चाहिए।
संग सफर से जीवन महके
पतझड़ में भी सावन चहके
जैसे रजनी को चाँद चाहिए
जीवन में हमसफ़र चाहिए।
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
[ यह कविता "कुछ अनकही ***" में प्रकाशित हो गई है। ]
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