Friday, September 2, 2011

हरा पत्ता

जब पीला पत्ता
डाल से गिरता है
हरा पत्ता थोड़ा
कांप उठता है

लेकिन
थोड़ी देर बाद  
शान्त हो जाता है 

बसंतआते ही
हरा पत्ता फिर
लहलहा ने लगता है 

वो नहीं जानता
मरने के बाद
आत्माओं के सफ़र
के बारे में। 


कोलकता 
२ सितम्बर, २०११

(यह कविता  "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )


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