माँ गुमारियै में भरयोड़ो पाळो
रख देती गाय रे आगे
भर खारियो
दे'र नाणो
बैठ ज्याती दुहण ने
ले'र गोवंणियों
भर देती
दुयोङा दूध री गिलास
पी ज्यातो ऊभो ही गटागट
दे मुठ्या मे थूक 'र
भाग ज्यातो साइना रे सागे
खेलण ने फटाफट
झागला स्यूं
बण ज्याती होटा पर
धौली धौली मूच्छया
खेळतो कबड्डी
जणा ठोकतो ताळ ओ मरोड़तो
धौली धौली मूच्छया।
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
रख देती गाय रे आगे
भर खारियो
दे'र नाणो
बैठ ज्याती दुहण ने
ले'र गोवंणियों
भर देती
दुयोङा दूध री गिलास
पी ज्यातो ऊभो ही गटागट
दे मुठ्या मे थूक 'र
भाग ज्यातो साइना रे सागे
खेलण ने फटाफट
झागला स्यूं
बण ज्याती होटा पर
धौली धौली मूच्छया
खेळतो कबड्डी
जणा ठोकतो ताळ ओ मरोड़तो
धौली धौली मूच्छया।
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
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