एक कमेड़ी
बैठ खेजड़ी
घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
टमरक टू- टमरक टू
एक चिङकली
बैठ बोरड़ी
घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
चीं चीं चीं - चूं चूं चूं
एक कबूतर
बैठ नीमड़ी
घोळ र मिसरी
बोल्यों यूँ -
गुटर गूं - गुटर गूं
घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
बैठ खेजड़ी
घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
टमरक टू- टमरक टू
एक चिङकली
बैठ बोरड़ी
घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
चीं चीं चीं - चूं चूं चूं
एक कबूतर
बैठ नीमड़ी
घोळ र मिसरी
बोल्यों यूँ -
गुटर गूं - गुटर गूं
एक कोयलड़ी
बैठ पींपली घोळ र मिसरी
बोली यूँ -
कुहू कुहू -कुहू कुहू
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )
very nice
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