Saturday, November 30, 2024

बसंत का गीत

मैंने आज धीरे से कहा 
बसंत अब आ जाओ 
और यह सुनते ही ---
रात रागिनी मुस्कुराने लगी 
कलियाँ खिलखिलाने लगी 
गेहूं की बालियां झूमने लगी 
हरियाली चहुँ ओर छाने लगी 
आम्र मंजरियाँ फूटने लगी 
कोयल कुहू कुहू करने लगी 
मंद सुगंध समीर बहने लगी 
अलि प्रीत का राग गाने लगी 
बागों में तितलियाँ उड़ने लगी 
मैं प्रेम गीत गुनगुनाने लगी 
प्रीत सांवरिया से मिलने लगी। 

    

                                                  भागीरथ कांकाणी 
INDIA GLAZES LTD.
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Mobile : 98300 65061

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प्रभु प्रेमी भक्तजन,
जय श्री राम।  

आपको अपनी पुस्तक "हनुमान गाथा" प्रेषित करते हुए, बहुत ही आनंद का अनुभव कर रहा हूँ।  यह पुस्तक श्री हनुमान जी के जीवन पर एक शोधग्रन्थ के रूप में लिखी हुई है। पुस्तक पर मुझे देश के अनेकों साधु -संतो और महात्माओं का आशीर्वाद एवं शुभकामना सन्देश प्राप्त हुआ है, लेकिन पुस्तक के आकर को ध्यान में रखते हुए चंद सन्देशों को ही इसमें स्थान दिया गया है। प्रथम संस्करण में एक हजार पुस्तकों को छपाया गया है। पुस्तक का मूल्य पुस्तक विक्रेताओं की सुविधा के लिए 250 /- रखा गया है, लेकिन सभी भक्तों को पुस्तक अपनी लागत मुल्य 100 /- पर ही उपलब्ध  है. 

कोई भी भक्त अपने किसी भी धार्मिक कार्यक्रम पर, जन्मोत्सव पर, शादी की वर्षगांठ पर, विवाह के शुभ अवसर पर, इस पुस्तक को छपवा कर, अपने नाम, सन्देश और चित्र के साथ बांटना चाहे तो आप सहर्ष मुझसे संपर्क कर सकते हैं। मैं अपनी तरफ से आपको पूर्ण सहयोग करूंगा। कम्पोजिंग एवं चित्र बनाने का खर्च अब आप के नहीं लगेगा। एक हजार पुस्तक लगभग 70,000 /- में अब छप जाएगी। जिसमें दो पेज में वो अपना सन्देश भी लिख सकेंगें। आप स्वयं भी अपनी सुविधानुसार लिखित अनुमति (free) लेकर पुस्तक छपा सकेंगे। पुस्तक बेंचने की अनुमति नहीं  होगी और लेखक का नाम पुस्तक पर छापना अनिवार्य होगा।  

धन्यवाद। 

पुनश्च : अपनी मनोकामना पूर्ण हेतु पुस्तक की प्रतियों को बाँट कर, हनुमान जी की कृपा का शाक्षात अनुभव करें। 

आपका स्नेही 
भागीरथ कांकाणी 

Wednesday, November 20, 2024

नेताजी और चुनाव

घर - घर जाते हाथ जोड़ नमन करने 
बन जाते शहंशाह एक चुनाव के बाद। 

टोलियों में निकलते हैं फरियादें करने  
बन जाते बाहुबली एक चुनाव के बाद। 

सभाएं करते हैं बड़े - बड़े वादे करने  
बन जाते घोटालेबाज एक चुनाव बाद। 

मुफ्त  रेवड़ियां बांटते चुनाव में जितने 
अपनी तिजोरियां भरते चुनाव के बाद। 

नम्रता की मूरत बनते चुनाव को जितने 
अपना असली रंग दिखाते चुनाव के बाद। 





Sunday, November 3, 2024

मेरा जीवन तन्हा रह गया

कितना मोहक था वो समय 
जो हमने साथ-साथ बिताया,
हाथों में हाथ डाल कर 
क़दमों से कदम मिलाया।  

सारी दुनिया को भूल कर 
हम खो जाते थे सपनों में,
प्यार सदा परवान चढ़ा 
एक दूजे की बाहों में। 

नशीली थी तुम्हारीआँखें 
देख कर पगला जाता मैं,
तुम्हारे कन्धों पर सिर रख
सुध - बुध भूल जाता मैं। 

कितना मदभरा था समय 
जब चांदनी रातें होती थी, 
मेरी गोदी में सिर रख 
तुम आँखें मूंद सो जाती थी। 

मस्त जीवन था हमारा 
आज सब सपना बन गया 
तुम बिछुड़ गई सर-ऐ-राह 
मेरा जीवन तन्हा रह गया। 

 











Friday, October 18, 2024

एक नशा

मैंने सोचा था तुम्हारे 
रिटायरमेंट के बाद 
हम दोनों घर में 
चैन से बैठ कर 
करेंगे ढेर सारी बातें। 

मन की, तन की 
प्यार की, तकरार की 
बहारों की, सितारों की 
बादलों की, मौसम की 
रौशनी की, चांदनी की। 

मगर शराबी को 
जब तलक मयखाने के  
जामों के टकराने की 
खनक सुनाई नहीं देती 
तब तलक उसे 
चैन नहीं मिलता। 

ठीक उसी तरह
तुम को भी जब तलक 
मील की मशीनों की 
आवाज सुनाई नहीं देती 
तुम्हें भी चैन नहीं मिलता। 

Wednesday, October 2, 2024

बिना हमसफ़र जीवन

बिना हमसफ़र जीवन, सूना- सूना लगता है 
जीने का नाटक भी, कितना झूठा लगता है। 

जीवन है तो सहना और रहना भी पड़ता है 
बिन हमराही तन्हाई को, सहना भी पड़ता है। 

याद आते हैं वो लम्हे, जो साथ-साथ गुजरे थे 
उन लम्हों में जाने कितने, इंद्रधनुष उभरे थे।  

अगर तुम आओ, तो लगाऊं बाहों का बंधन 
झूम उठे तन-मन मेरा, और सांस बने चंदन। 




Saturday, September 28, 2024

चौखट

जुल्म  सह  कर भी  जो सदा चुप रहे  
ऐसी  बेबसी भी फिर किस काम की। 

जिंदगी भर दुःखों को अकेला सहता रहे 
रिश्तों की बैसाखी फिर किस काम की।

ग़मों में  डूब  कर जो जीवन  जीता रहे 
यादों की जुगाली फिर किस काम की। 

बुढ़ापे में माता - पिता संग जो नहीं रहे 
ऐसी औलाद भी  फिर  किस काम की। 

जीवन में हमसफ़र का जो साथ न रहे 
तन्हा जिंदगी भी  फिर किस काम की। 


Wednesday, September 4, 2024

तुम्हें भेजूंगा लिख कर

गंगा के कलकल स्वर को  
कानों में भर कर 

हिमालय की सुंदरता को  
आँखों में सजा कर 

रजनीगंधा की महक को 
साँसों में भर कर 

प्यारी मदहोशी यादों को 
दिल में संजो कर 

भेजूंगा एक कविता को 
तुम्हें लिख कर। 



Tuesday, August 20, 2024

मुझे रुला कर क्या पाओगे ?

तन्हाई का जीवन मेरा 
केवल यादों का सम्बल 
बंधा हुवा हूँ बंधन में 
इसे मिटा कर 
क्या पाओगे 

जीर्ण-जर्जर मेरी काया
धूमिल हुई जीवन आशा  
व्यथाएँ देती दस्तक
अब दर्द देकर
क्या पाओगे

सपने सारे बिखरे मेरे
आलिंगन भी रूठ गए
देखा मैंने प्रेम सभी का 
और दिखा कर 
क्या पाओगे 

सम्बोधन की सीमा टूटी 
प्यार की बुनियाद रूठी 
चौखट हाहाकार करती 
बेघर कर 
क्या पाओगे

हँस कर जीवन जीने का 
मैंने एक संकल्प लिया
अंतर की पीड़ा सहता 
मुझे रुला कर 
क्या पाओगे ?




Saturday, August 10, 2024

यह वक्त है

यह वक्त है 
खुली आँखों से 
वक्त को देखने का 
यह स्वीकार करने का 
कि 
हमने हमारी बातों 
और 
कामों को मनवाने में 
व्यर्थ ही समय गंवाया 

यदि अभी भी 
और जानना हो 
जाओ 
और 
पूछों बांग्ला देश में 
हिन्दुओं से 
कि 
उनका क्या अंजाम हुआ 
जुल्म किया है 
शैतानों ने 

क्या भूल गए 
कश्मीर को 
घाव अभी भरा नहीं है 

हमारा जनबल है अभी 
लेकिन 
हमने मजबूती से नहीं पकड़ा है 
एक-दूजे का हाथ 
एक अच्छे दिन की तरफ 
जाने के लिए 

यह गीत 
सुना जाना चाहिए 
आँखों में एक सपना 
अब 
ज्वाला बनना चाहिए। 




कुछ शेर


मेहनत करके तकदीर की लकीरें सजाओ,
हाथों की लकीरों में जीवन मत उलझाओ। 

सोने के पिंजरे से तो अपना घोंसला अच्छा,
गुलामी से सदा आजादी का जीवन अच्छा।

जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं ये समझलो,
जो भी तुमको करना है वह जल्दी करलो। 

कभी भी किसी से पाने की आशा मत रखो 
खुशियां लेनी है तो तमन्ना लुटाने की रखो। 

धन का नशा जब भी सिर पर चढ़ जाता है,
घर -परिवार, रिश्ते -नाते सब मिटा देता है । 






जीवन का दरवाजा

सीधा है जीवन का दरवाजा 
लेकिन जो वहाँ तक ले जाता है 
वह रास्ता बहुत संकरा है
कुछ लोग ही होते हैं 
जो पहुँच पाते हैं वहाँ तक 

कुछ विधर्मियों द्वारा 
राह में भटका दिए जाते हैं 
तो कुछ खुद ही राहों में 
भटक जाते हैं 
नहीं पहुँच पाते सही सलामत
उस चमकते दरवाजे तक 

कुछ ताले की चाबी 
ढूंढने में ही जीवन 
बिता देते हैं 
नहीं पहुँच पाते 
फूलों की राह चल 
उस सुनहरे दरवाजे तक 

चाहता है हर कोई पहुँचना 
मगर घूमते रह जाते 
रोशनी और अँधेरे के बीच 
जो पवित्र और पूर्ण है 
वही पहुँच पाते हैं 
उस दिव्य दरवाजे तक। 



Monday, July 29, 2024

पहचान

गांव में था 
पहचान थी 
सदा नाम से 
जाना जाता मैं 

गांव से निकला 
बह गया धारा में 
धारा से नदी 
नदी से समद्र 
समा गया मैं 

अफ़सोस 
अब महानगर में हूँ 
यहाँ होकर भी 
नहीं हूँ मैं 

अब नाम से नहीं 
मकान नम्बर से 
जाना जाता हूँ मैं 

वापिस 
कैसे जाऊँ वहाँ 
जहॉं पैदा हुआ मैं। 



Tuesday, July 23, 2024

घर के दरवाजे

गांव में बापू के  
घर के दरवाजे सदा 
खुले रहते थे 
सबके लिए 

घर आए मेहमानों 
और राहगीरों के लिए 
जिन्होनें कभी कुछ 
नहीं माँगा जीवन से 
उन गरीबों के लिए 

अजनबी दोस्तों 
और अजनबी 
भाइयों के लिए 

कहते थे 
भाई हैं हम सब 
रखते थे बड़ा दिल 
सब के लिए 

लेकिन कोई 
अपने घमंड में चूर 
प्रहार करता है 
हमारे गढ़ के दरवाजे पर 
कब्ज़ा करने के लिए 

लेकिब ख़्याल रहे 
जल्द ही वह दिन आएगा 
जब वह पछ्ताएगा 
यह धूर्ततापूर्ण विनाश 
घातक है 
अपराध है
दंड का विधान है 
सबके लिए। 

Saturday, July 20, 2024

समय सोने का नहीं है

स्वर्ग से उतर 
धरती पर आने वालो
धर्म का चोगा पहन
सहिशुण्ता का पाठ 
पढ़ने वालो 
कब तक 
अपनी जंजीरों से बँधे 
बंधुवा मजदूरों की तरह 
धरती को स्वर्ग 
बनाने का ख़्वाब 
देखते रहोगे 
उठो, जागो, दहाड़ो 
कब होगा तुम्हारा घर 
बल्कि तुम्हारा वतन ?



Wednesday, July 17, 2024

जीवन यात्रा

इस धरा को 
बोया गया है 
मौत के बीज से 
लेकिन मौत 
अंत नहीं है 
मौत का 

यह तो केवल 
एक रास्ता है 
अदृश्य विमान में 
सवार होकर 
अंतरिक्ष तक 
उठ जाने का 

नई खुशियों 
और वरदानों संग 
फिर से लौट आने का। 


Saturday, June 29, 2024

जीवन चक्र

जन्म-जन्मांतर से 
जीवन मिलता रहा 
धरा पर आता रहा 
जीवन जीता रहा 

हर एक जन्म में 
नया रूप मिलता रहा 
नया रिश्ता जुड़ता रहा 
भोगो में फंसता रहा 

अजरता मांगता रहा 
बुढ़ापा मिलता रहा 
मृत्यु वरण करता रहा 
प्रारब्ध को भोगता रहा

कभी जलाया गया 
कभी दफनाया गया 
सदा मिट्टी में मिलता रहा 
जीवन चक्र चलता रहा। 




Friday, June 21, 2024

गज़लें

तरह - तरह के पकवानों से क्या लेना 
सबको भर पेट रोटी मिल जाये भैया। 

प्रचंड गर्मी से तप रहा है सारा जहान 
बादल बरसे तो राहत मिल जाए भैया। 

दिल में तुम चाहे जितना राज छुपालो 
चहरे का भाव हर बात बतादेगा भैया। 

अपनों के तानें सुन छलक जाती ऑंखें 
दिल में घुटती रहती है भावनाएं भैया। 

मैं तो बेधड़क कह देता हूँ सच्ची बात 
पानी पीकर के जात क्या पूछना भैया। 

चुन-चुन कर अपराधियों को भेज दिया 
अब संसद में रोज धमाल देखिये भैया। 

जो ज्ञान गीता और रामायण में बताया 
वही ज्ञान तो जीवन का आधार है भैया।  

शुद्ध पानी,  शुद्ध हवा और शुद्ध भाव 
यह सब प्रभु की अनुपम देन है भैया। 


 


Monday, June 17, 2024

यादों के शेर

तुम तो चंद दिनों की खुशियां देकर चली गई, 
तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ा मुझे तन्हा कर गई।  

कोशिश बहुत की मगर तुम्हें भूल नहीं पाया,
मिलने की चाहत दिल से निकाल नहीं पाया। 

आसमां में सितारें बहुत है मगर चाँद चाँद है,
हसीनाएं तो बहुत है मगर आप जैसी कहाँ है। 

बचपन से साथ रही,अब तन्हा रहना मुश्किल है 
छवि उतर गई दिल में अब मिटाना मुश्किल है।  

प्रयत्न करता हूँ कि अब मुझे खूब नींद आये, 
नींद संग सपने आये और सपने में तुम आये। 

प्रभु से प्रार्थना करूँगा सदा खुश रखे तुमको, 
मैं तो स्वर्ग जाकर भी प्रभु से मांगूगा तुमको। 






Monday, June 3, 2024

वोटर को ख़ुश रखता हूँ

मैं गाँधी परिवार का 
असली वारिश हूँ 
आप मुझे शहजादा कहे 
चाहे पप्पू कहे 
मैं असली उत्तराधिकारी हूँ। 

मैं हर आदमी को 
वोटर की नजर से देखता हूँ 
फिर चाहे वो हिन्दू हो, 
मुसलमान हो या क्रिश्चियन हो 
चाहे गरीब हो या धनवान हो 
वह मेरी नजरों में सदा 
एक वोटर बना रहता है। 

मुझ में बेसुमार हुनर है 
मैं तिल का ताड़ बना  सकता हूँ 
झूठ को सच बना सकता हूँ 
मैं चुटकी बजा कर 
आलू से सोना बना सकता हूँ। 

मैं मिनटों में गरीब को 
अमीर बना सकता हूँ 
खाते में खटाखट-खटाखट
रुपये जमा करा सकता हूँ। 

मैं हर नेता की बात काटता हूँ 
अपने वादों का पहाड़ जोड़ता हूँ 
मैं मुंगेरीलाल के सपने दिखा 
वोटर को ख़ुश रखता हूँ। 


Sunday, May 26, 2024

मंत्र जप करने की विधि



                                                     मंत्र जप करने की विधि

मंत्र जप करना विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक सुंदर मिश्रण है। यह हमारे मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण दोनों को लाभ पहुंचाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार मंत्रों का जप करना, ब्रह्मांड की दिव्य आवृत्ति से जुड़ने की एक कला है। हनुमान मंत्रों का जाप करना, केवल शब्दों का जाप करना ही नहीं है, अपितु यह आंतरिक शक्ति, विश्वास और भक्ति की खोज है।  हनुमानजी के मंत्रों का जाप करना एक नई महाशक्ति से जुड़ने जैसा ही है। 

स्थान का चयन करें : --

सबसे पहले एक स्वच्छ और शांतिपूर्ण स्थान का चयन करना चाहिए । यह आपके घर का आरामदायक कोना हो सकता है या पार्क में आपके पसंदीदा पेड़ के नीचे की जगह हो सकती है। पास के किसी मंदिर में जाकर या हनुमान जी की किसी मूर्ति के सामने बैठ कर आप जप कर सकते हैं। जप के समय शुद्ध वस्त्र धारण करें और शांत मन से बैठ कर जप करें।  

लक्ष्य तय करें :--

शुरू करने से पहले एक पल के लिए सोचें कि आप मंत्र से क्या प्राप्त करना चाहते हैं। क्या यह शक्ति, शांति या सफलता के लिए है ? अपना उद्देश्य तय करें और उसी के अनुसार मंत्र का चयन करें। 

जप अनुष्ठान : --

आराम से बैठ कर गहरी साँस लें और अपने मन को एकाग्र करें।  अपनी पसंद का मंत्र जपना शुरू करें।  ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण महत्वपूर्ण है, लेकिन उस्ले लिए बहुत ज़्यादा तनाव न लें।  मन की भक्ति अधिक मायने रखती है। 

कितनी बार :--

परंपरागत रूप से, मंत्र को 108 बार दोहराना शक्तिशाली माना जाता है। मंत्र का जाप करते समय उपयुक्त माला का चयन करें। आप तुलसी की माला, रुद्राक्ष की माला, लाल चंदन की माला या प्रार्थना माला का उपयोग कर सकते हैं। 

कल्पना करें :--

मंत्रोच्चार करते समय हनुमानजी की मन में कल्पना करें या फिर मंत्र की ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें। मंत्र के शब्दों को महसूस करें, उन्हें अपने भीतर गूंजने दें।

आभार के साथ समापन करें :--

एक बार जब आप जप समाप्त कर लेते हैं तो हनुमानजी का आभार व्यक्त करने के लिए एक क्षण का समय लें। एक सरल "धन्यवाद हनुमानजी आपके आशीर्वाद के लिए" बोल कर समापन करें। कृतज्ञता एक शक्तिशाली समापन है। 

स्थिरता महत्वपूर्ण है :--

हनुमान जी के मंत्र का नियमित जाप करके हम आनंदमय और समृद्धशाली जीवन का आनंद उठा सकते हैं।हनुमान मंत्र हमें कष्टों का निवारण करने, बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करने, सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने में सहायता करते हैं।  

         

                                मंत्र जप के पीछे का विज्ञान और आध्यात्म 


ध्वनि और कंपन का विज्ञान :--

जब हम मंत्रों का जप करते हैं, तो हम सिर्फ़ शब्द ही नहीं बोलते, हम साथ-साथ कंपन भी पैदा करते हैं। ये कंपन हमारे मन और शरीर पर, शांत प्रभाव डालते हैं। यह मस्तिष्क के लिए आराम दायक होते हैं।  

मज़ेदार तथ्य :--

मंत्र जाप से ध्वनि तरंगे निकलकर अतंरिक्ष में व्याप्त तरंगों से अणु-परमाणुओं से मिलकर ऊर्जा का विस्फोट करती है, तब मंत्र जाप से उत्पन्न ध्वनि शक्ति तीव्रता के साथ अतंरिक्ष के अणु-परमाणुओं को कंपाती हुई ध्यान वाले स्थान तक पहुचं जाती है। ये कंपन हमारे मन और शरीर पर शांत प्रभाव डालते हैं। यहां तक ​​कि मस्तिष्क की तरंगों के पैटर्न को भी बदल सकते है। यह एक दिमाग की शक्ति है। 

आध्यात्मिक संबंध :--

माना जाता है कि मंत्रों का जाप मन को एकाग्र करने में मदद करता है। इससे आंतरिक शांति और उच्च शक्ति से जुड़ाव की भावना पैदा होती है। यह आत्मा के लिए एक आध्यात्मिक कसरत है। आध्यात्मिक परंपराओं में, मंत्रोच्चार को ईश्वर से जुड़ने का एक माध्यम माना गया है। 

मंत्र और ध्यान :--

मंत्रों का जाप माइंडफुलनेस मेडिटेशन का एक रूप है। मंत्र पर ध्यान केंद्रित करने से, मन को भटकने से रोकने में सहायता मिलती है। यह एकाग्रता की शक्ति है। जिससे मन वर्तमान क्षण में स्थिर रहता है। यह मंत्र जप बढ़ाने में भी सहायता करता है।

सामूहिक जप की शक्ति :--

एक साथ मंत्रोच्चार करने से अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली और उत्थानकारी सफलता मिलती है। यह सामूहिक ऊर्जा समुदाय और अपनेपन की एक मजबूत भावना पैदा कर सकती है। यह एक आध्यात्मिक गायन मंडली का हिस्सा होने जैसा होता है। विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में सामूहिक जप का प्रयोग अक्सर सांप्रदायिक बंधन को बढ़ाने और आध्यात्मिक अनुभव को, सामूहिक रूप से उन्नत करने के लिए किया जाता है।

दैनिक जीवन पर प्रभाव :---

नियमित मंत्र जाप आपके दैनिक जीवन में शांति और स्पष्टता की भावना लाता है। यह तनाव और चिंता के खिलाफ एक गुप्त हथियार की तरह है। यह धैर्य, करुणा और जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। इसके लिए घंटो समय बिताने की जरुरत नहीं है। मंत्र जाप के कुछ मिनट भी लाभकारी हो सकते है। इसे अपनी सुबह की दिनचर्या या सोने से पहले अपनी सुविधनुसार जोड़ सकते हैं। 

प्रो टिप : --

अलग-अलग मंत्रों के साथ प्रयोग करते रहें और वह मंत्र खोजें जो आपके साथ सबसे ज़्यादा मेल खाता हो। यह सब व्यक्तिगत जुड़ाव और आराम के बारे में है। उपरोक्त सभी मन्त्र आपके पास है। आप इनमें से अपना मन्त्र निर्धारित कर सकते हैं।  





हनुमान मंत्र

                                                          

 परिशिष्ट ( एक पेज के बिच में बड़े अक्षरों में लिख कर, वो पेज और उसके आगे का पेज खली छोड़ दें ) उसके बाद अगले पेज से यह लेख शुरू करे. 


                                                      हनुमान मंत्र

भक्तों को अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए हनुमान मंत्रों का जप करना चाहिए। हनुमानजी से प्रार्थना करने से जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यहां कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में लिख रहे हैं, जिनके माध्यम से हनुमानजी को शीघ्र ही प्रसन्न किया जा सकता है। ये मंत्र अत्यन्त लोकप्रिय हैं और अत्यधिक प्रभावशाली भी माने जाते हैं। प्रत्येक मंत्र अपने आप में अर्थों की एक दुनिया और आध्यात्मिक समृद्धि का वादा छिपाए हुए है। 

1. हनुमान मूल मंत्र --- ॐ हनुमते नमः। 

अर्थ ---श्री हनुमान जी हम आपको नमन करते हैं।

यह एक बहुत शक्तिशाली सफलता का मंत्र (कार्य सिद्धि मंत्र)  है। यह मंत्र हनुमानजी के प्रति भक्ति और समर्पण को प्रदर्शित करने के लिए उपयोगी है। जो मनुष्य अपने जीवन में समस्याओं और बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस मंत्र के द्वारा प्रार्थना करनी चाहिए।  शारीरिक शक्ति, सहनशक्ति और मानसिक शक्ति प्राप्त करने के लिए यह मंत्र बहुत उपयोगी है। 

2. हनुमान बीज मंत्र ----बीज मंत्र ----ॐ ऐं भ्रीं हनुमते श्री राम दूताय नमः। 

अर्थ ---सभी के संकटों को हरने वाले श्री राम के दूत वीर हनुमानजी को नमस्कार है। 

इस मंत्र के जाप से हनुमानजी की कृपा अपने भक्त पर सदा बनी रहती है। मन से भय का नाश होकर मन में शांति और आत्म-विश्वास बना रहता है। इस के प्रभाव से शरीर स्वस्थ और शक्तिशाली बनता है। घर में धन संपदा आती है। जीवन में सुख-शांति और सफलता मिलती है। 

3. हनुमान गायत्री मंत्र ---ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
                                      तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥

अर्थ ---अंजना और वायु देव के पुत्र हनुमानजी से हमारी प्रार्थना है कि वे हमारी बुद्धि को सही दिशा प्रदान करें। 

हनुमानजी शक्ति, सहनशक्ति, बुद्धि, निष्ठा और भक्ति के अवतार है। हनुमान गायत्री मंत्र उन लोगों के लिए एक असाधारण मंत्र है जो हनुमानजी जैसे गुणों को विकसित करना चाहते हैं। यदि आपको शक्ति की आवश्यकता हो तो हनुमान गायत्री मंत्र का जप करें। 

4. आंजनेय मंत्र ---ॐ श्री वज्रदेहाय रामभक्ताय वायुपुत्राय नमोस्तुते। 

अर्थ ---जिनका शरीर वज्र से बना है, जो भगवान राम के भक्त और वायु देवता के पुत्र है, उन को मैं नमन करता हूँ। 

जीवन में सफलता के लिए यह एक शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से वर्तमान नौकरी या नई नौकरी मिलने में आने वाली बाधाएं दूर होती है। परीक्षा में सफलता के लिए इस मंत्र का जाप फलदाई होता है।  इस  मंत्र का दैनिक जाप कर के निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। 

5. मनोजवं मारुततुल्यवेगं मंत्र ---मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।   
                                                  वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।

अर्थ ---जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र, वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूँ। 

हनुमान जी के प्रति शरणागत होने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे हनुमान जी तुरंत ही साधक की प्रार्थना सुनते है।  जो हनुमान जी का प्रतिदिन ध्यान करते हैं, हनुमान जी उनकी बुद्धि से क्रोध को हटा कर बल का संचार करते हैं। हनुमान भक्त शांत चित, निर्भीक और समझदार बनता है।

6. भक्त हनुमान मंत्र --- अंजनीगर्भ संभूत कपिन्द्र सचिवोत्तम । 
                                    रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष सर्वदा ॥ 

अर्थ ---जो माता अंजनी के गर्भ से पैदा हुए और बंदरों के राजा सुग्रीव के सबसे उत्कृष्ट मंत्री बने। जो श्री राम के अत्यंत प्रिय है, मैं उन्हें  प्रणाम करता हूँ। हनुमानजी सदैव मेरी रक्षा करें। 

यह मंत्र सुरक्षा प्रदान करता है और बाधाओं को दूर करता है। जीवन की बाधाओं से पूरी तरह से बचाव के लिए इस मंत्र का जाप करें।

7. रक्षा हेतु हनुमान मंत्र ---हंग हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। 

अर्थ --- हं: यह हनुमान जी का नाम है। हनुमते: यह हनुमान जी का सम्बोधन है - “हे हनुमान जी।” रुद्रात्मकाय: का अर्थ है “वे जो रुद्र के समान हैं " ।

यह हनुमान मंत्र अत्यंत गुप्त मंत्र है, जिसमें असीमित शक्ति है। यह मंत्र तुरंत फल देता है। जब आपको आध्यात्मिक सहायता की आवश्यकता होती है, उस समय यह मंत्र विशेष रूप से उपयोगी होता है।  

8. पंचमुखी हनुमान मंत्र -- ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा। 

अर्थ ---मैं हनुमानजी को नमन करता हूँ और उनके सामने समर्पण करता हूँ, जो शक्तिशाली अंजना के पुत्र है। 

हनुमानजी को शुद्ध भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से आप अपने आप को पूरी तरह से समर्पण कर सकते हैं। जीवन में बीमारियों, बुरी आत्माओं और अन्य प्रकार की परेशानियों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

9. बुरी आत्माओं का उन्मूलन मन्त्र ---

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा ।।

अर्थ ---लंका का विध्वंस करने वाले, अञ्जनी माता के गर्भ से उत्पन्न रामदूत हनुमानजी, जो कि शाकिनी और डाकिनी का विनाश करने वाले, किलकिल शब्द करके दुष्टों को भयभीत करने वाले, श्री हनुमद देव के लिए मैं अपने को समर्पित करता हूँ।
दुष्ट आत्माओं के भय से मुक्ति पाने के लिए और शक्ति प्राप्ति हेतु इस अद्भुत हनुमान मंत्र का जाप फलदायी सिद्ध होता है। नकारात्मकता चाहे गृह-क्लेश से हो, नौकरी-व्यवसाय से हो, पढाई या जीवन में असफलता से उत्पन्न हुई हो, सभी का निराकरण करने के लिए, इस मंत्र का जप प्रभावी है।

10.  हनुमान अष्टाक्षर मंत्र ---ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥

हनुमान अष्टाक्षर मंत्र अत्यंत शिद्ध मंत्र है। इस मन्त्र का प्रभाव अति फलदायक होता है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के समस्त भय का नाश होता है। व्यक्ति के अन्दर हीन भावना का नाश होकर चारों ओर सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होने लगता है और व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है।   

इन मंत्रों के साथ हनुमानाष्टक चालीसा, हनुमान गायत्री मंत्र, बजरंग बाण, श्री राम रक्षा स्तोत्र, श्री हनुमान चालीसा आदि का नियमित पाठ करके, दैनिक जीवन में बहुत सारी परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं। ये सभी पाठ भक्तों के लिए शक्तिशाली होते हैं। कष्टों को दूर कर भक्त को निरोग और ऊर्जावान बनाए रखने में सहायता करते हैं।





उत्तराखंड के अंतिम छोर के गांव


पिंडर के किनारे-किनारे बस पहाड़ी रफ्तार से ऊपर चढ़ रही है। बस की खिड़की एक जादुई फ्रेम सी बन गई है। सीन हर पल बदल रहे हैं। कभी कर्णप्रयाग में अलकनंदा में मिलने वाली पिंडर की चुलबुली चाल रोमांच पैदा करती है। दाएं, बाएं, सीधे, फिर दाएं, फिर बाएं.. पिंडर में क्या गजब की मस्ती और नजाकत है। पिंडर खिड़की से हटती है, तो कचनार का पेड़ दिखता है, जो इन दिनों सफेद फूलों का गुलदस्ता सा बना हुआ है। उफ्फ क्या रूप निखर आया है इस पेड़ का! खिड़की का यह फ्रेम जेहन में बस जाता है। नजर ठिठक जाती है। और आखिरी झलक तक आंखें उसका पीछा करती हैं। खिड़की से सर्र-सर्र अंदर घुसती हवा के साथ सड़क के किनारे स्कूल जाते बच्चे, पीठ पर घास के अपने से दोगुना बोझ उठाए महिलाएं, पलायन के बाद खंडहर हो चुका घर, जिसकी दीवार पर पिछले चुनाव का बीजेपी का कमल निशान अभी भी मौजूद है... सब दिख रहे हैं, मिट रहे हैं। बस की खिड़की मानो सिनेमा का पर्दा बन गया है। इस पहाड़ी राज्य का हर रूप,रंग, संघर्ष इसमें दिख रहा है।

सूरज ढलने से पहले बस देवाल ब्लॉक के आखिरी गांव वांण में उतार चुकी है। हवा में कुछ ठंडक है। रूपकुंड घाटी का करीब 200 परिवारों वाला यह गांव बेहद खास है। रूपकुंड का रहस्यमय रास्ता यहीं से होकर गुजरता है। बख्तावर सिंह बिष्ट गांव के अपने आंगन में बैठे हैं। गरीबी रेखा से नीचे का जीवन काट रहे हैं। कुछ बकरियां हैं। थोड़ी खेती है। गुजारे लायक आमदनी में जिंदगी की गड्डी चल रही है। 

वांण से 10 किलोमीटर दूर गैरोली पातल। रूपकुंड के रास्ते पर यह एक छोटा सा पड़ाव है। शाम होते ही मौसम बिगड़ गया है। बर्फ के तेज छींटे पड़ने शुरू हो गए हैं। तीखी चढ़ाई के बाद देसी-विदेशी ट्रैकर अपने टैंट में सुस्ता रहे हैं। पास ही वन विभाग की छोटे से हट में वांण, कनोल, सुतोल, कुलिंग, करजा जैसे गांवों के दर्जनभर लड़के ट्रैकर्स के लिए खाना तैयार कर रहे हैं। ये सभी उत्तराखंड के अंतिम छोर के गांव हैं।

Friday, March 29, 2024

तुम्हारी यादें

तुम्हारी यादें 
गाहे-बगाहे आकर 
घेर लेती है मुझे
तुम्हारी रूह चलती है
मेरे असहाय शरीर के साथ। 

धुँधली पड़ती बातें 
हो जाती है फिर से ताजा 
चलचित्र की तरह
चलती रहती है मेरे साथ। 

बाँधे हुई है आज भी 
तुम्हें मुझ से
एहसास कराती रहती  
सदा तुम्हारा साथ। 

बिना किसी तस्वीर के
कराती रहती है  
खूबसूरत मुलाकातें 
नहीं छोड़ती मेरा साथ। 

Saturday, March 23, 2024

ग़ज़ल

क्यों उदासी को गले लगाते हैं 
मधुर यादें ताजा कर लीजिए। 

क्यों मन को विचलित करते हैं 
ताज़ी हवा में योग कर लीजिए। 

क्यों नफरत की बातें सुनते हैं 
मीठी बातों को संजो लीजिए। 

क्यों ग़मों के दर्द से घबराते हैं 
मस्ती की चादर ओढ़ लीजिए। 

क्यों जीवन में तनहा चलते हैं 
प्यारा हमसफ़र बना लीजिए। 


Saturday, March 16, 2024

मिलन का मौसम

नीली आँखों का स्नेह याद आ रहा है
आरजू का मौसम अभी गया नहीं है।  

सांसों का टकराना याद आ रहा है
बहार का मौसम अभी गया नहीं है। 

मधु अधरों की हँसी याद आ रही है
प्रणय का मौसम अभी गया नहीं है। 

वाणी की मधुरता याद आ रही है
प्यार का मौसम अभी गया नहीं है।   

दिल की धड़कन अभी चल रही है
मिलन का मौसम अभी गया नहीं है।  


   


Tuesday, March 12, 2024

पाहुन

चलो आज गांव चलते हैं 
मैं ले चलूँगा तुहें 
अपने दोस्त के 
खेत की ढाणी में 
जहाँ मेरे दोस्त की बहु 
खिलायेगी तुम्हें खाना 
पीतल की थाली में परोसेगी 
बाजारी की रोटी और 
काचर फली का साग 
एक कोरा प्याज और 
लहसुन की चटनी 
लोटा भर पानी रखेगी साथ में 
फिर घूंघट की आड़ में 
करेगी तुम से बातें 
खुश हो जाएगा 
मेरा दोस्त 
कि आज उसके घर 
पाहुन आये हैं। 

Saturday, March 9, 2024

ग़ज़ल

 जब से तुम बिछुड़ी हो मेरे जिंदगी से 
मेरी मंजिल का कोई ठौर ही नहीं रहा।

जब से हम दोनों की राहें अलग हुई  
मेरे जीवन में तो मधुमास ही नहीं रहा।  

मैं तो सदा राहों में आँखें बिछाता रहा 
तुम्हें तो राहों में चलना पसंद ही नहीं रहा। 

मैं तो सदा तुम्हारी आँखों में देखता रहा  
मुझे आईना में कभी विश्वाश ही नहीं रहा। 

कहते हैं शहरों में सब कुछ मिलता है    
मगर तुम्हारे जैसा प्यार तो कहीं नहीं रहा।   

Thursday, February 29, 2024

पिता की व्यथा

बेटे का भविष्य संवारने 
बाप सब कुछ करता है, 
जलती धूप ओढ़कर भी 
बेटे को छाया करता है। 

दिन-रात मेहनत करके 
बेटे का पालन करता है,
अपने सुख को भूल कर 
बेटे को खुशियां देता है। 

बेटे को पढ़ा-लिखा कर 
उसको योग्य बनाता है,
घर, जमीन, जायदाद 
सब बेटे को दे देता है। 

मगर बेटा बाप बनते ही 
बाप को भूल जाता है,
अपने कड़वे बोलो से 
बाप को आहत करता है। 

लाचार बाप बेबस होकर 
अपना भाग्य कोसता है, 
बेटे के जुबान खंजर से 
आँखों से अश्रु बहाता है। 




Monday, February 5, 2024

झूठ का बोलबाला

सदा सत्य मैं बोलता, कहता रहता  रोज, 
कितना झूठ बोलना, करता रहता खोज।  

सत्य तो अब रहा नहीं, चला गया है रूठ, 
यदि बोले कोई सत्य तो, मानो उसको झूठ।  

सतयुग के संग सत्य गया, जैसे था मेहमान, 
कलयुग में अब हो रहा,  झूठों का सम्मान। 

जीवन जीना होता कठिन, अगर न होता झूठ 
आपस में होती कलह, सब में पड़ती फुट। 

सत्य जेल में बंद हुवा, झठा करता मौज,  
जो जितना झूठ कहे, उसकी ऊँची औज ।