जीवन के
लम्बे संग-सफर में
मैं कभी प्रकट नहीं कर सका
तुम्हें अपना आभार
तुम्हें अपना आभार
निश्छल प्रेम
करुणा
शुभ भाव वर्षण
शुभ भाव वर्षण
सब कुछ पाया
लेकिन नहीं कह सका
आभार
लेकिन नहीं कह सका
आभार
सोचता हूँ
आज तुम्हे प्रेषित करूँ
अपना आभार
बादलों को दूत बना
मैं भेज रहा हूँ
तुम्हें अपना आभार
भावांजलि बन मैं
बिखर जाना चाहता हूँ
प्रकट करने तुम्हें
अपना आभार
बादलों को दूत बना
मैं भेज रहा हूँ
तुम्हें अपना आभार
भावांजलि बन मैं
बिखर जाना चाहता हूँ
प्रकट करने तुम्हें
अपना आभार
अपने ह्रदय में
सहेजना मेरे भावों को
सहेजना मेरे भावों को
स्वीकार करना
मेरा आभार।
मेरा आभार।
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