दिल में बसी
अंतिम सांस जैसी
तुम्हारी यादें।
मन चाहता
अपने की छुवन
जिंदगी भर।
मन डोलता
सर्द ठंडी रातों में
तुम कहाँ हो ?
छलक आती
पलको से बदली
आँसूं बन के
एक आस जो
गुम हो गयी कहीं
तुम्हारे साथ।
सावन आया
नाचा मन मोर भी
तुम नहीं थी।
अब चाहता
मोहक अनुभूति
बावरा मन।
तारों के संग
कैसे बीती है रात
चाँद से पूछो।
गीत फिर से
थरथराने लगा
मधुमास का।
अंतिम सांस जैसी
तुम्हारी यादें।
मन चाहता
अपने की छुवन
जिंदगी भर।
मन डोलता
सर्द ठंडी रातों में
तुम कहाँ हो ?
छलक आती
पलको से बदली
आँसूं बन के
एक आस जो
गुम हो गयी कहीं
तुम्हारे साथ।
सावन आया
नाचा मन मोर भी
तुम नहीं थी।
अब चाहता
मोहक अनुभूति
बावरा मन।
तारों के संग
कैसे बीती है रात
चाँद से पूछो।
गीत फिर से
थरथराने लगा
मधुमास का।
superb
ReplyDeleteधन्यवाद नीलिमा जी।
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