आज का युग
विज्ञान और प्रोद्योगिकी में
बहुत आगे बढ़ गया है
अन्तरिक्ष में स्टेशन बन गए हैं
जहाँ वैज्ञानिक अन्य ग्रहों पर
जीवन की खोज करते हैं
इंटरनेट और मोबाइल ने
दूर संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी
पूरी दुनिया को एक साथ जुड़ गई है
मंगल ग्रह पर पानी को खोजा जा रहा है
कृत्रिम बादलो से बरसात की जा रही है
समुद्र से तेल निकाला जा रहा है
द्रुतगामी वायुयान बन गए हैं
फूलों में मन चाहे रंग भर दिए गए हैं
शरीर के अंगों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है
लेकिन इन सबसे जुम्मन की स्त्री को क्या लेना-देना
उसे तो रोज सड़क के किनारे बैठ कर
भरी दुपहरी में पत्थर ही तोड़ना है
और ठेकेदार की बुरी नजर से बचते हुए
अपने बच्चे को दूध पिलाने के बहाने
किसी पेड़ की छांव में सुख ढुंढना है।
[ यह कविता "एक नया सफर " पुस्तक में प्रकाशित हो गई है। ]
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