Monday, August 20, 2012

पुस्तकें





पुस्तको की भी एक
अलग दुनिया होती है
एक अलग पहचान होती है

जैसे कुछ पुस्तकें ड्राइंग रूम
की शोभा होती है जो हमेशा
ड्राइंग रूम में ही सजी रहती है

कुछ पुस्तकें सजी-संवरी होती ह
जिन्हें देख कर एक बार हाथ में
उठाने का मन करता है

कुछ पुस्तकें नीरस होती है
जो केवल सूचनाओं से भरी रहती है
जरुरत के समय हम उन्हें पढ़ते हैं

कुछ पुस्तकें दुःख-दर्द की गाथाओं से
भरी रहती है जिन्हें पढ़ कर हम
दुःख के सागर में डूब जाते है

कुछ पुस्तकें कब आई और कब
गई  पता भी नहीं चलता
केवल नाम मिलता है

कुछ पुस्तकें शिक्षाप्रद होती है
जिन्हें पढ़ कर ज्ञान मिलता है
जीवन को एक नयी राह मिलती है

कुछ पुस्तकें भाग्यशाली होती हैं
जिन्हें विनम्रता के साथ खोला
और आदर के साथ पढ़ा जाता है

कुछ पुस्तकें बड़ी बदनसीब होती है
जो केवल रटने के काम आती है
गुलाब के मुरझाये फुल इन्ही में मिलते है

कुछ पुस्तकों के मधुर शब्द
हमारे होठों पर बैठ जाते है और
हम उन्हें आनंद से गुनगुनाते है

कुछ पुस्तकें अँधेरे के गर्त में पड़ी रहती है
जिन्हें कभी कोई अन्वेषक ही
ढूंढ़ कर बाहर निकालता है

कुछ पुस्तकें महान लेखको के द्वारा
लिखी होती है जिन्हें उत्सुकता और
सम्मान के साथ पढ़ा जाता है

कुछ पुस्तकें कालजयी होती है
जो बार-बार संवर्धित,संशोधित होकर
नए संस्करण में छप कर आती  है।




  [ यह कविता "कुछ अनकही***" में प्रकाशित हो गई है। ]
















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